कभी भी देखी या सुनी है ऐसी कहानी ? कप्तान टीम के साथ नहीं ! सारे मुख्य गेंदबाज अनफिट ! मैच शुरू होने के पहले जो नए पांच गेंदबाज टीम में थे, उन्होंने कुल मिलाकर तेरह विकेट लिए थे | जब मैच शुरू हुआ तो उनमें से भी एक गेंदबाज और अनफिट हो गया | एक गेंदबाज को पिछले मैच में रंगभेदी अपशब्दों से अलंकृत किया गया था | यानी मनोबल तोड़ने की पूरी कोशिश थी |
टेस्ट क्रिकेट के १४३ साल के इतिहास में ऐसी कोई मिसाल है ?
शायद नहीं |
पर अब - सब कुछ समाप्त हो गया | कारवां का गुबार कुछ दिनों में बैठ जायेगा | जयमाला के फूल मूरझा जायेंगे | तब न चाहते हुए भी यथार्थ से आँखें मिलाना पड़ेगा |
निर्विवाद रूप से इनमें से कुछ खिलाड़ी एक दिवसीय मैचों में या फ़टाफ़ट बीस ओवर वाले मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे | इसमें कोई शंका नहीं है | पर क्या इस टोली का कोई भी खिलाड़ी क्या भारत के लिए कोई और टेस्ट मैच खेल पायेगा ? शायद नहीं |
भारत का अगला दौरा घरेलू मैदान पर है | ले देकर भारत अधिक से अधिक दो तेज गेंदबाज शामिल करेगा | यदि बुमराह फिट होंगे तो वो तो रहेंगे ही | दूसरे गेंदबाज उमेश, इशांत या अगर शमी फिट हो जाएँ तो वो रहेंगे | ये भी हो सकता है कि भारत हार्दिक को बुला ले | आप खुद सोचकर देखिये - शार्दुल या हार्दिक- आप किसे चुनेंगे ?
सवाल वही है | वाशिंगटन स्पिनर हैं | यह ज़रूर है कि भारत तीन स्पिनर्स के साथ खेलेगा | लेकिन वाशिंगटन या आश्विन - घरेलु मैदान में आप किसे चुनेंगे? दोनों एक जैसे ऑफ़ स्पिनर्स हैं | फिर आपके पास अगर जडेजा फिट हों तो वे या फिर कुलदीप दूसरे स्पिनर के रूप में खेलेंगे | फिर नदीम ने क्या गुनाह किया कि अच्छे प्रदर्शन के बाद आप उसे भुला देंगे?
भारत का अगला दौरा घरेलू मैदान पर है | ले देकर भारत अधिक से अधिक दो तेज गेंदबाज शामिल करेगा | यदि बुमराह फिट होंगे तो वो तो रहेंगे ही | दूसरे गेंदबाज उमेश, इशांत या अगर शमी फिट हो जाएँ तो वो रहेंगे | ये भी हो सकता है कि भारत हार्दिक को बुला ले | आप खुद सोचकर देखिये - शार्दुल या हार्दिक- आप किसे चुनेंगे ?
सवाल वही है | वाशिंगटन स्पिनर हैं | यह ज़रूर है कि भारत तीन स्पिनर्स के साथ खेलेगा | लेकिन वाशिंगटन या आश्विन - घरेलु मैदान में आप किसे चुनेंगे? दोनों एक जैसे ऑफ़ स्पिनर्स हैं | फिर आपके पास अगर जडेजा फिट हों तो वे या फिर कुलदीप दूसरे स्पिनर के रूप में खेलेंगे | फिर नदीम ने क्या गुनाह किया कि अच्छे प्रदर्शन के बाद आप उसे भुला देंगे?
भारत में घरेलू मैदान में स्पिनरों की कमी नहीं है | अक्षर , जयंत , जलज सब कतार में हैं | फिर आप कभी चहल को भी टेस्ट क्रिकेट में आजमाना चाहेंगे |
तेज गेंदबाज़ों के लिए मौका तभी बनता है जब भारत की टीम उपमहाद्वीप से बाहर निकलती है | अफ़सोस की बात है कि ऐसे दौरे मीक़ात भविष्य में होने वाले नहीं हैं | तब तक मुख्य गेंदबाज़ फिट हो जायेंगे | लोगों की याददाश्त भी कमज़ोर होती है | सच कहा जाए तो वाशिंगटन सुंदर के अलावा बाकी सारे खिलाडी पच्चीस पार कर चुके हैँ | कुछ ही दिनों में इन्हें युवा खिलाड़ियों की नयी खेप से मुकाबला करना पड़ेगा |
काश - ऑस्ट्रेलिया की यह श्रृंखला कुछ और लम्बी होती |
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